प्रेग्नेंसी पर बना यह एड चर्चा में क्यों आया ? भारतीय महिलायें अवश्य देखें
प्रेग्नेंसी पर बना यह एड चर्चा में क्यों आया– सोशल मीडिया पर महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर एक विज्ञापन वायरल हो रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में बज रहा एक गाना महिलाओं से आयरन की कमी को दूर करने का आग्रह करता है।
गर्भावस्था से हर महिला का जीवन समृद्ध होता है। इस दौरान उनके शरीर में कई बदलाव होते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।
गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिनमें से एक है आयरन की कमी। हालांकि आयरन महिलाओं के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसकी ज्यादा जरूरत होती है। भारत में कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से पीड़ित होती हैं। इसलिए इसका महिला के शरीर और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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‘प्रोजेक्ट स्त्रीधन’ ने भारतीय महिलाओं में इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन बनाया। विज्ञापन गर्भावस्था के दौरान भारत में गोद भराई की परंपराओं को दर्शाता है। गोद भराई के दौरान महिलाओं को सोने, चांदी या हीरे के गहने देने की बजाय आयरन की कमी को दूर करने पर जोर दिया जाता है।
यह विज्ञापन गर्भवती महिलाओं के शरीर में खून की कमी पर जोर देता है, जो एनीमिया का मुख्य कारण है। एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं का उनके अजन्मे बच्चों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अनार, चेरी, मक्का और लाल जामुन को शरीर में आयरन की कमी को कम करने के तरीकों के रूप में विज्ञापित किया गया है।
इस विज्ञापन में गर्भवती महिलाओं को गोद भराई समारोह के दौरान सोने और चांदी के बजाय सही भोजन और पूरक आहार में निवेश करने के लिए कहा जाता है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की हालिया रिपोर्ट भारत के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बच्चों और महिलाओं में एनीमिया के मामलों में वृद्धि का संकेत देती है। साल 2019 में किए गए एक सर्वे में 68.4 फीसदी बच्चे और 66.4 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं. 2016 में, 35.7 प्रतिशत बच्चे और 46.1 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं।