What is NPS – National Pension Scheme Features & Benefits 2022

NPS Scheme- National Pension Scheme Features & Benefits
NPS नेशनल पेंशन सिस्टम
मैं आज आपको एनपीएस के बारे में जानकारी दूंगा. आपकी रिटायरमेंट के लिए एनपीएस एक बहुत अच्छा option हो सकता है.
इसमें आपको PPF और EPF से भी ज्यादा रिटर्न मिल ही सकते हैं इसमें आपका ढेर सारा टैक्स भी बचाता है.
इसमें मजे की बात यह है कि आपको किसी भी कंपनी का employee होना जरूरी नहीं है आप खुद से भी एनपीएस अकाउंट खुलवा सकते हैं.
तो चलिए फटाफट शुरू करते हैं
NPS क्या हैं.
यह स्कीम 2004 में सेंट्रल गवर्नमेंट ने गवर्नमेंट एम्पलाई के लिए शुरू की थी इसका सिंपल सा फंडा है आप रेगुलर इसमें कुछ अमाउंट जमा करते रहोगे और और उस पैसे को कहीं इन्वेस्ट किया जाएगा जो कि आप रिटायरमेंट में निकलवा सकते हैं और उसकी आप एक पेंशन भी लगवा सकते हैं.
और फिर 2009 में PFRDA Pension Fund Regulatory and Development authority के पास इसका चार्ज चला गया और उन्होंने सबके लिए open कर दिया यानी नॉरमल इंसान भी NPS अकाउंट खुलवा सकता है.
NPS में किसे निवेश करना चाहिए
अगर आपकी age 18 से 65 साल के बीच में है और अगर आप अपना रिटायरमेंट प्लान करना चाहते हैं आप टैक्स भी बचाना चाहते हैं आप शेयर मार्केट जैसा risk भी नहीं चाहते तो NPS आपके लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है.
PPF और EPF में आपको जो इंटरेस्ट मिलता है तो पहले से ही डिसाइडेड होता है और आपको पता होता है कि इसमें कितना इंटरेस्ट मिल रहा है. NPS में क्योंकि आपका पैसा शेयर मार्केट में भी लगाया जाता है तो इसके इंटरेस्ट कुछ fix नहीं होते हैं इसमें इंटरेस्ट कभी ज्यादा होते हैं और कभी कम होते हैं परंतु इसका यह मतलब नहीं कि इसमें बहुत ज्यादा रिस्क है इसमें बहुत कम रिस्क है.
अगर मैं NPS के 10 सालों के इंटरेस्ट की बात करूं तो NPS ने पिछले 10 सालों में 8% से 10% परसेंट तक इंटरेस्ट दिए हैं. मतलब कुछ बार तो PPF or EPF से ज्यादा हीइंटरेस्ट दिया है.
मिनिमम इन्वेस्टमेंट / Minimum investment

सरकार कर्मचारी के लिए एनपीएस कैलकुलेटर”
“National Pension Scheme eligibility”
“प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पेंशन योजना”
पेंशन का अकाउंट समय आप के ₹500 लगेंगे और एक बार जो कंट्रीब्यूशनप्लस एक बार की मिनिमम ट्रांजैक्शन₹500 है + पूरे साल का एक बार की कंट्रीब्यूशन भी ₹500 है. मतलब पूरे साल में आपको ₹500 डालने ही पड़ेंगे और अगर मान लीजिए आप ने 2 साल तक ₹500 + ₹500 नहीं जमा करवाएं तो आपका अकाउंट रुक जाएगा. और उसके बाद आप ₹1000 रुपए देकर reactivate करवा सकते हैं.
Who manages your funds?
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने नियुक्त किए हैं ‘7’ फंड मैनेजर को जो आपका एनपीएस में लगा हुआ पैसा मैनेज कर सकते. जोकि हैं : एलआईसी (LIC), एचडीएफसी पेंशन फंड(HDFC Fund), यूटीआई म्युचुअल फंड(UIT Funds), एसबीआई पेंशन फंड(SBI Penstion Fund), आदित्य बिरला कैपिटल फंड(Aditya Birla Fund), कोटक महिंद्रा बैंक(Kotak Mahindra Bank), आईसीआईसीआई prudential Mutual Fund.
NPS Managers
तो आप as a एनपीएस NPS मेंबर यह choose कर सकते हो कि आप इन ‘7’ में से कौन कौन से फंड मैनेजर को आपका पैसा मैनेज करना चाहिए. आप अपना फंड मैनेजर फ्यूचर में चेंज भी कर सकते हो तो यह फ्रीडम है आपके पास.
इन्वेस्ट कहां पर करते हैं

चलिए अब बात कर लेते हैं कि आपका लगाया हुआ पैसा यह इन्वेस्ट कहां पर करते हैं
लो रिस्क / Low Risk – इसमें आते हैं गवर्नमेंट बॉन्ड.
मॉडरेट रिस्क / ModeRate Risk – इसमें आता है कॉरपोरेट्स बॉन्ड.
हाई रिस्क / High Risk – इसमें आता है इक्विटी यानी कि स्टॉक मार्केट
वेरी हाई रिस्क / Very high Risk – और इसमें आता है अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इसमें आप टोटल इन्वेस्टमेंट का शेयर 5 परसेंट लगा सकते हैं क्योंकि यह एक वेरी हाई रिस्क है.
NPS Categories
ऐसेट एलोकेशन / Asset allocation
एनपीएस मेंबर के पास दो ऑप्शन है एक्टिव चॉइस और ऑटो चॉइस.
एक्टिव चॉइस:
आपके पास कंपलीट फ्रीडम है आपका कितनी परसेंटेज कॉर्पोरेट बॉन्ड, इक्विटी में रखना है, गवर्नमेंट बॉन्ड्स में रखना है या फिर अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट में डालना है.
But वहीँ आपको लिमिटेशन भी है की 50 इयर्स age तक आप इक्विटी मैं 75% तक अपना फण्ड रख सकते हैं. मतलब आप 100% परसेंट फंड नहीं रख सकते
उसके बाद ढाई ढाई परसेंट कम होता रहेगा 60 साल की age तक.
अब यह इक्विटी में इसलिए किया जाता है क्योंकि इक्विटी को हाई रिस्क माना जाता है और जैसे-जैसे आपकी age बढ़ती है आपकी रिस्क लेने की क्षमता कम मापी जाती है और इसीलिए इक्विटी से पैसा निकाल कर गवर्नमेंट बॉन्ड्स में या फिर कहीं और इन्वेस्ट किया जाता है.
ऑटो चॉइस:
एग्रेसिव लाइफ साइकिल फंड / Aggressive life cycle fund
इसमें आपको कोई ज्यादा माथापच्ची करने की जरूरत नहीं पड़ेगी इसमें पहले नंबर पर आता है एग्रेसिव लाइफ साइकिल फंड जोकि हाई रिस्क टेकर्स के लिए है.
इसमें कंडीशन आ जाती है 75% फंड आप 35 years age तक रख सकते हैं. 4% हर साल रिड्यूस होता रहेगा और जब आप 55 की age तक हो जाओगे तो यह इक्विटी फंड 15 परसेंट एलोकेशन तक रह जाएगा यानी आप 55 की age में सिर्फ 15% एलोकेट अपना फंडकर सकते हो.
मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड / Mode Rate Life Cycle Fund
और दूसरा आता है मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड इसमें रिस्क भी मोडरेट है जानी उससे काफी कम है. इसमें आप 50% का फंड एलोकेट कर सकते हो 35 years age तक, और यह 2% रिड्यूस होता रहेगा ‘55’ की age तक यानी आप ‘55’ इयर्स age में सिर्फ ‘10’ परसेंट एलोकेट कर सकते हो.
कंजरवेटिव लाइफ साइकिल फंड / Conservative Life Cycle Fund
और अगर आप बिल्कुल भी रिस्क नहीं लेना चाहते तो आपके लिए है कंजरवेटिव लाइफ साइकिल फंड. इसमें आपको 25% फंड एलोकेशन का ऑप्शन मिलेगा वह भी 35 ईयर age तक और इसमें हर साल एक एक परसेंट कम होता रहेगा और 55 की एज तक आप सिर्फ 5% परसेंट तक का फंड एलोकेट कर सकते हो.
विड्रॉल / Withdrawal
तो अब बात कर लेते हैं विड्रॉल की अगर यह रिटायरमेंट प्लान है तो यह आपको रिटायरमेंट से पहले पैसा निकालने के लिए अलाउड नहीं करेगा इसमें आपका लॉकिंग पीरियड रहेगा 60 ईयर age तक इसको आप 70 साल तक बड़वा भी सकते हैं.
इसमें भी दो चीजें आती हैं अगर आप कंटिन्यू कर रहे हो 70 साल तक, तो इसका मतलब है कि आप हर महीने कंट्रीब्यूशन कर रहे हो 70 साल साल तक.
दूसरा यह कि आप 60 साल तक तो पैसा जमा करवा रहे हो मगर 70 साल तक आप बड़वा रहे हो यानी कि 60 साल के बाद पैसा नहीं दे रहे हो और 70 साल बाद आप पैसा निकलवा सकते हो. (Deferred)
60 साल की age तक आप सिर्फ 60% अपना फंड विड्रोल कर सकते हो इससे ज्यादा आप नहीं निकलवा सकते अगर आप चाहते हैं कि 10 इंस्टॉलमेंट्स में आपको आपका पैसा मिल जाए तो वह ऑप्शन भी है 70 साल की एज तक.
और बाकी 40% के लिए आपको एक अनन्युटी प्लान / annuity plan लेना पड़ेगा किसी इंश्योरेंस वाइडर से जो कि आपको मंथली पेंशन बनाकर आपको आपका पैसा देता रहेगा.
अगर आपका पैसा दो लाख से कम है तो आप 100% परसेंट 60 साल की age तक निकलवा सकते हैं.
प्रीमेच्योर विड्रोल / Premature Withdrawal
प्रीमेच्योर विड्रोल के लिए आपको 3 साल तक रेगुलर इन्वेस्ट करना पड़ेगा.
प्रीमेच्योर एग्जिट / Premature Exit
प्रीमेच्योर एग्जिट के लिए आप को मिनिमम 10 साल तक का कंट्रीब्यूशन करना पड़ेगा
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